संघर्ष की राह कहानी भाग 11
गांव की तरक्की और एकता का जज्बा":-
संघर्ष की राह कहानी भाग 11
-गांव
के लोग बहुत खुश थे। रोहित ने अपने गांव के लिए बहुत कार्य करवाए | गांव में
हायर सेकेन्डरी स्कूल भी बन गया कक्षा बारहवीं तक कक्षा लगने लगी ,आस पास के गांव के लोगों को भी अपने गांव मे ऐसा कार्य करने की प्रेरणा
मिली |रोहीत ने गांव में शुद्ध पानी के लिए ट्यूबवेल लगाकर
पानी की टंकी का निर्माण करवाया एवं नल जल योजना से घर-घर पानी पहुंचाने लगा। गाँव
बालो को शुद्ध पानी मिलने लगा। रोहित ने कहा जल ही जीवन है जल के बिना हमारा जीवित
रहना संभव नहीं है। अतः हमे शुद्ध पानी की आवश्यकता है | पानी
का उतना ही उपयोग करना चाहिए जीतनी जरुरत है | पानी बचाना भी
हमारा कृत्वर्य है। पानी प्रकृति की अनमोल धरोहर है हम इसका निर्माण नहीं कर सकते
है भगवान की इस अनमोल धरोहर को सोच समझ कर उपयोग करना चाहिए । गांव के लोगों को
रोहित की सलाह बहुत अच्छी लगी उन्होंने शपथ लेकर जल सहेज करने का प्रण लिया समय
आगे बढ़ता गया । गांव मे खुशहाली के साथ- साथ आगे बढ़ने लगा गांव के सभी लोग
मिलजुल कर रहने लगे सभी लोगों की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होने लगी |
बारिश
का मौसम था |रोहीत अपने परिवार के साथ बैठा था| सभी सदस्य
बातें कर रहे थे। तभी जगमोहन रोहित के घर आया |पानी गिर रहा
था तेज वर्षा हो रही थी. गांव से शहर जाने वाला रास्ता कच्चा था जिसमे किचड व गडडे
पड़े हुवे थे । पक्की सड़क से गांव की दूरी चार पांच किलोमीटर के लगभग थी कच्चे
रास्ते के कारण बारीश के दिनो मे वाहन फंस जाता था जिससे गांव वालों को कठिन
समस्या का सामना करना पड़ता था। जगमोहन घबराया हुआ था राममोहन ने कहा क्या बात है ? तुम घर
घबराए हुए क्यों हो ? जग मोहन ने कहा मेरे बेटे की
बहु सुनीता गर्भवती है ,उसके पेट में बहुत ज्यादा दर्द
हो रहा है | वह तड़प रही है ,गांव मे डॉक्टर
भी नहीं है ,और शहर जाने के लिए रास्ता खराब है तथा वर्षा भी
तेज हो रही हे अब मैं क्या करूं | रोहित ने कहा समस्या
गंभीर है । इतने मे राहुल की पत्नी प्रीति बोली चिंता करने की कोई बात नहीं प्रसूती के बारे में जानकारी है में तुम्हारी बहू की प्रसूती करवाउंगी |
मुझे
आंगनवाड़ी की देनीग मे गर्भवती महिला व प्रसूती करवाऊंगी। रोहित और उसके परिवार के
सदस्य जगमोहन के
घर गए। जगमोहन की
बहु
दर्द के कारण तड़प रही थी। आस पड़ोस की महिला भी रोहित के घर पर बैठी थी प्रीति को
देखकर सभी महिला खड़ी हो गई। प्रिती ने सुनीता की हालत देख कहा डिलेवरी होने वाली
है। उसने वहसे में सुनीता
को अलग कमरे
मे पलंग पर लिटाया और सुनीता की सुरक्षित तरीके से डिलीवरी करवाई बच्चे के रोने की
आवाज सुनकर बाहर बैठे लोगों की जान मे जान आई । प्रीति ने बाहर आकर कहा घबराने की
कोई बात नहीं मिठाई बाटो बड़का हुवा है,
जच्चा
बच्चा दोनों सुरक्षित है ।
सभी
लोग बधाइयां दे रहे है । सभी गांव वाले प्रिती की तारीफ कर रहे के थे ।
अगले दिन रोहित ने गांव की पंचायत मे गांव के सभी लोगो को बुलाया और कहा हमारे गांव मे सड़क नहीं होने के कारण सभी गाँव वालो को बारिश के दिनों में कठिन समस्याओं का सामना करना पड़ता है । कल की ही
घटना देखो यदि प्रीति को प्रसूती की जानकारी नही होती तो प्रसूती के लिए जगमोहन की
बहु की क्या हालत होती । बारिस भी मूसलाधार हो रही थी, कच्ची सड़क होने के कारण हम डिलीवरी के लिए शहर कैसे जाते है इतने मे
राहुल बोला हम सड़क के लिए आवेदन सरकार को देंगे रोहित
बोला सड़क मंजूर होने मे समय लगेगा अभी बारिश का मौसम है । कल ऐसी कोई अनहोनी न हो
इसके लिए हमे कुछ न कुछ करना पड़ेगा। गांव वाले बोले हम इस विकट समस्या का हल कैसे
कर सकते हैं ? रोहित ने कहा हम जनसहयोग से गांव से लेकर
पक्की सड़क तक कच्चे रास्ते मे मुरम एवं पक्के पत्थर डालकर इस समस्या का निराकरण
कर सकते हैं |
गांव वाले बोले कैसे ? रोहित ने कहा हम सभी गांव
वाले मिलकर खुद काम करके हमारे गाँव मे दस ट्रेक्टर हे पास के गांव से जेसीबी मशीन
लाकर हम थोड़ा थोड़ा चन्दा इकट्ठा करके ट्रैक्टर व
जेसीबी वालों को उनका किराया दे देंगे और हर घर से एक व्यक्ति श्रमदान करके
जनसहयोग से सड़क बना लेंगे । गांव वालों को रोहित की बात अच्छी लगी । और सभी
गांववासी सहर्ष तैयार हो गए । अगले दिन गांव वाले तैयार होकर आ गए और खुदाई कर के
कच्चे रास्ते पर मुरम व पत्थर डालने लगे सभी लोग उत्साह से काम मे हाथ बटा लगे तीन
दीन मे कच्चे रास्ते को मुरम और पत्थर से भर दिया और पक्की सड़क से गांव की सड़क
जोड़ दी ,अब वारीस मे की वाहन आशानी से जा सकते है
गांव वाले बहुत खुश थे
|
रोहित ने कहा सभी कार्य के लिए सरकार पर निर्भर नहीं रहना चाहिए. एकता ने बहुत शक्ति होती है । हमारे गांव में अभी ऐसे कई कार्य है जिन्हें हम सभी मिलकर जन
सहयोग से कर सकते है ,सभी लोगो
ने रोहित की बात का समर्थन किया और कहा हम सभी अपने मन
में जन सहयोग की भावना सदा रखेंगे हम अपने गांव को
स्वच्छ साफ सुथरा रखेंगे । सभी लोग अपने अपने घर गए |
रामपुर
गांव जिले में नम्बर एक गांव बन गया था | अधिकारियो
की नजर में एक आदर्श गांव बन गया सरकार भी ऐसे गांव के लिए कई कार्य कर रही थी |
रोहीत को ग्राम पंचायत के मुखिया के नाते कलेक्टर ने सम्मानित
किया। राहुल निस्वार्थ भाव से अपने गांव के हित के लिए सदा तैयार रहता था। गांव मे
हायर सेकेंडरी स्कूल का परीक्षा परिणाम 100% आया इसी गांव के कक्षा 10 वी 12 की के चार
विद्यार्थियों ने प्रदेश मे नाम किया । रोहित ने विद्यालय के अध्यापकों एवं सभी छात्रों का सम्मान किया। और उन्हें शुभकामनाएं दी | गांव
वाले बहुत खुश हुवे उन्होंने कहा हमारा गांव एक समय पिछड़ा
एवं अविकसित गांव था, ज्यादातर लोग अ साक्षर थे
लेकिन
रोहीत की कृत्वर्त्य निष्ठा से आज हमारा गांव पूरी तरह साक्षर हो गया |लोगो को काम की तलाश मे बाहर जाना पड़ता या लेकीन अब हर घर रोजगार से
जुड़कर अच्छी खासी आय अर्जित कर रहा है किसी से कर्ज लेने की जरूरत ही नहीं है |
गांव के बड़के लड़कियां शहर मे कालेज की पढ़ाई कर रहे हैं थे
सभी रोहित के कारण संभव हो पाया। गांव ने नलों से
शुद्ध पानी घर तक पहुंच रहा - गांव मे पक्की नालियां सीसी रोड़ हर घर पक्के शौचालय
एवं कीचड़ मुक्त गाव बन गया |
बायोगैस
संपन्न एवं बिजली गांव मे 24 घंटे मिल रही उपस्वास्थ्य
केन्द्र गांव मे खुल गया जहां गांव वालों का निशुल्क इलाज एवं दवाइया मिल रही | गांव के सभी लोग जात पात से ऊपर उठकर एक दुसरे की मदद करने के लिए सभी
एकजुटता से कंधे से कंधा मिलाकर सदा तैयार रहते । सभी लोग मिलजुल कर गांव के बीज
त्योहार मनाते है |सामाजिक-सांस्कृतिक पारंपरिक कार्य
मे सभी प्रेम एवं भाईचारे की भावना से सम्मिलित होते
है ,गांव मे अमन चैन और सुख समृद्धि हे गांव के बड़े लोगों
की बातें युवा सुनते हैं ।'
गांव की तरक्की से गांव आत्मनिर्भर बन रहा था
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