संघर्ष की राह भाग 4
: प्रीति का महिलाओ के प्रति योगदान :- प्रीति ने कुछ दिन बाद से गांव की महिलाओं को सिलाई केन्द्र खोलकर प्रशिक्षण देना प्रारम्भ कर दिया। प्रीति ने गांव की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने हेतु प्रोत्साहित किया। एवं सिलाई प्रशिक्षण देकर सभी महिलाओं को सिलाई का काम सिखा दिया। साथ ही सब सहायता समूह का गठन किया , जिसमें महिलाएं हर माह बचत की राखी समूह में जमा करने लगी। समूह का बचत खाता बैंक मे खुलवाया। प्रीति की पहल से बैंक ने समूह को सिलाई मशीन खरीदने के लिए कम ब्याज पर बैंक द्वारा लोन मिल गया। गांव की महिलाओं ने सिलाई मशीन खरीदी महिलाओं ने मिलकर सिलाई का काम प्रारम्भ कर दिया | रोहित ने शहर जाकर कपड़ो के कारखाने वाले से सम्पर्क कर कच्चा माल लेकर रेडीमेड कपड़े बनाने का अनुबंध किया महिलाएं कपड़े सिलने लगी और गांव से रेडीमेड माल तैयार होकर शहर जाने लगा। महिलाओं की अतिरिक्त आय होने लगी। घर के पुरुष खेती का काम करने लगे | महिलाए सिलाई का कार्य इससे पुरुषो को भी फायदा हुवा महिलाओं का आत्मविश्वास बढ़ाने लगा। आस-पास के गांव में शेरपुर गांव के साथ-साथ रोहित के परिवार का ...