मध्यप्रदेश भारत का हृदय स्थल ( Madhya Pradesh Heart of India )
मध्यप्रदेश भारत का हृदय स्थल ( Madhya Pradesh Heart of India )
आज मैं आपको देश के हृदय मध्य प्रदेश के बारे में जानकारी प्रदान कर रहा हूं | जिसमें मध्य प्रदेश का गठन प्रदेश में कौन-कौन सी चीजें प्रसिद्ध है | इसमें स्थित स्थल आदि के बारे में जो आप को मध्य प्रदेश के बारे में जानकारी मिल सके। मेरे इस लेख के माध्यम से आपको कई रोचक जानकारियां। मिलेगी | भारत के रहवासियों, विद्यार्थियों को भी सामान्य ज्ञान में पूछे जाने वाले सवालों के बारे में काफी हद तक फायदा होगा | इस लेख को अवश्य पढ़ें और आगे शेयर करें ताकि अधिक से अधिक लोगों तक मध्य प्रदेश के बारे में जानकारी पहुंचे | आपको यदि लेख अच्छा लगे तो लाइक शेयर करें |
प्रस्तावना- भारत देश का हृदय स्थल कहलाने वाला मध्य प्रदेश राजस्थान के बाद भारत का दूसरा बड़ा राज्य है | जिसका क्षेत्रफल 380000 वर्ग किलोमीटर है | किसी देश राज्य की भौगोलिक स्थिति उस राज्य की ऐतिहासिक एवं आर्थिक विकास की घटनाओं को अत्यधिक प्रभावित करती है | वहां निवास करने वाले नागरिकों और उनके आचार , विचार एवं व्यवहार को प्रभावित करती है | भौगोलिक रूप से देश के केंद्रीय स्थान पर होने के कारण वास्तव में मध्य प्रदेश भारत देश का हृदय प्रदेश है | हम सभी देशवासियों के लिए गर्व है, कि हमारा जन्म भारत देश में हुआ ,और उसी देश में शांति, सौहार्द और भाईचारे का प्रदेश मध्यप्रदेश है | जिसमें महान कवि कालिदास ,भर्तहरि ,गायक संगीतकार तानसेन ,बैजू बावरा , लता मंगेशकर , राजनीतिज्ञ राजा भोज , रानी दुर्गावती , डॉ शंकर दयाल शर्मा हुए | महान साहित्यकार कालिदास ,भवभूति, बाणभट्ट ,जगनिक ,भूषण, माखनलाल, चतुर्वेदी, डॉ शिवमंगल सिंह हुए | जिनकी कामयाबी का डंका विदेशों में बज रहा है |
मध्य प्रदेश राज्य के गठन का इतिहास- मध्य प्रदेश के पुराने नाम का जिक्र करें तो इससे पहले मध्य भारत कहा जाता था | अंग्रेजों की गुलामी से मुक्त होने के बाद सन 1950 में भारत देश के नक्शे के बीच में होने के कारण मध्य प्रदेश कहा जाने लगा | और इसका गठन मध्यप्रदेश के नाम से हुआ | मध्य प्रदेश नाम का गठन पूर्व ब्रिटिश केंद्रीय प्रांत और बरार, मकराइ के राजसी राज्य और छत्तीसगढ़ को मिलाकर किया गया | मध्यप्रदेश की स्थापना के बाद नागपुर को राजधानी बनाई गई | लेकिन राज्य पुनर्गठन अधिनियम 1956 के अनुसार फिर से इस प्रदेश में कुछ क्षेत्र मिलाए गए | तथा कुछ क्षेत्र अलग हुए ,इसके तहत मध्य भारत ,विंध्य प्रदेश और भोपाल राज्य मध्य प्रदेश में मिलाया गया ,तथा नागपुर जो पहले मध्य प्रदेश में स्थित था इसे अलग कर महाराष्ट्र का हिस्सा बनाया गया | राज्य का पुनर्गठन के बाद भोपाल शहर को मध्य प्रदेश की राजधानी का दर्जा दिया गया | राज्य का उच्च न्यायालय जबलपुर और खंडपीठ ग्वालियर इंदौर में स्थापित किया गया |
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प्रदेश के पुनर्गठन का इतिहास-
मध्य प्रदेश की राजधानी -वर्तमान में देश के दूसरे सबसे बड़े राज्य की राजधानी भोपाल है |भोपाल प्राकृतिक , सौंदर्य की दृष्टि से अनुपम शहर है | जिसे तालाबो की नगरी कहा जाता है | भोपाल को परमार वंश के महा पराक्रमी, राजा भोज ने भोज पाल नगर के नाम से बसाया था | आगे चलकर इस शहर का नाम भोपाल पड़ा | हमारे लिए गर्व की बात है ,कि भारत के नो वे राष्ट्रपति डॉ शंकर दयाल शर्मा का जन्म मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में हुआ था |
मध्य प्रदेश के जिले -
वर्तमान में मध्य प्रदेश के जिले ,आगर मालवा, अलीराजपुर , अनूपपुर , अशोकनगर , बालाघाट , बड़वानी , बेतूल, भिंड , भोपाल , बुरहानपुर , छतरपुर, छिंदवाड़ा , दमोह , दतिया , देवास, धार , डिंडोरी , गुना , ग्वालियर , हरदा , इंदौर , जबलपुर , खंडवा , झाबुआ , कटनी ,खरगोन ,मंडला ,मंदसौर , मुरैना , नर्मदा पुरम ,नरसिंहपुर , नीमच ,निवाड़ी , पन्ना , रायसेन , राजगढ़ ,रतलाम , रीवा , सागर , सतना , सीहोर , सिवनी , शहडोल , शाजापुर , शिवपुरी , सीधी , सिंगरौली , टीकमगढ़ , उज्जैन , उमरिया ,विदिशा , मध्य प्रदेश में एक नया जिला बनाने की मांग की जा रही है, वह है नागदा से उज्जैन जिले से विभाजित करके नागदा का नया जिला बनाने का प्रस्ताव है
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प्रदेश के प्रमुख शहर-
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प्रदेश की भौगोलिक स्थिति -
मध्यप्रदेश
की प्रमुख नदियां-
मध्य प्रदेश की कला एवं संस्कृति -मध्य प्रदेश की पावन भूमि कला एवं संस्कृति के बारे में परिपूर्ण है |इस देश के प्रदेश मध्यप्रदेश में महान कलाकारों का अवतरण हुआ है | जिसकी छाप पूरे विश्व में विख्यात है | शानदार मंदिर, भव्य महल , कई प्रकार के मेले प्राचीन दार्शनिक स्थल, महान कलाकार तानसेन , बैजू बावरा , कालिदास , भरतरी जैसे संगीतकार हुए हैं |राजा भोज ,रानी दुर्गावती, और अहिल्याबाई जैसे राजनीतिज्ञ इस प्रदेश में अवतरित हुए हैं | हमारा मध्यप्रदेश अन्य कलाओं की तरह चित्रकला में भी मध्यप्रदेश के जीवन का मुख्य हिस्सा रहा है |यहां की चित्रकला मूर्तिकला की एक प्राचीन परंपरा भी रही है |
मध्य प्रदेश के धार्मिक एवं पर्यटन स्थल-भारत के हृदय स्थल मध्यप्रदेश पर प्रकृति की अटूट अनुकंपा है | उज्जैन में बाबा महाकाल का स्थान सर्वोपरि सिद्ध धार्मिक स्थल है | जहां हर 12 वर्ष में कुंभ का मेला लगता है |
उज्जैन -शिप्रा किनारे बसा उज्जैन विक्रमादित्य की नगरी धार्मिक स्थलों में विश्व विख्यात है | यहां ज्योतिर्लिंग कालों के काल बाबा महाकाल का मंदिर, मंगल ग्रह की उत्पत्ति स्थान ,मंगलनाथ मंदिर, राजा भरतरी की दार्शनिक गुफाएं ,जंतर मंतर और कुंभ मेले के लिए प्रसिद्ध है |
अमरकंटक -
चित्रकूट -
खंडवा -
पचमढ़ी -
महेश्वर -यह स्थान भव्य ऐतिहासिक मंदिर एवं घाट के लिए जाना जाता है |
बांधवगढ़ -
भेड़ाघाट -मध्यप्रदेश में भेड़ाघाट, संगमरमर के घाट ,धुआंधार जलप्रपात के लिए विख्यात है |जहां हजारों सैलानी घूमने व आनंद लेने आते हैं |
मैहर (सतना) -
सांची
का बौद्ध स्तूप -
मध्य प्रदेश के बारे में विशेष जानकारियां
मध्यप्रदेश के प्रमुख विश्वविद्यालय
1 विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन ( Vikram University Ujjain)
2 रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर ( Rani Durgavati University Jabalpur)
3 डॉ हरिसिंह विश्वविद्यालय सागर3 ( Dr Harisingh University Sagar)
4 अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय रीवा ( Awadhesh Pratap Singh University Rewa)
5 देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौ ( Devi Ahilya University Indore )
6 बरकतउल्ला विश्वविद्यालय भोपाल6 ( Barkatullah University Bhopal )
7 जीवाजी विश्वविद्यालय ग्वालियर ( Jiwaji University Gwalior )
मध्य प्रदेश के प्रमुख अलंकरण एवं सम्मान
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प्रदेश के प्रमुख सम्मान में महात्मा गांधी सम्मान, कालिदास सम्मान, देवी अहिल्याबाई सम्मान, तानसेन सम्मान , कन्हैयालाल वेद पत्रकारिता सम्मान , लता मंगेशकर पुरस्कार आदि |
मध्यप्रदेश की प्रमुख फसलें एवं रहन-सहन- किसी भी प्रदेश गांव क्षेत्र के लोगों के हावभाव एवं दिनचर्या से आसानी से समझा जा सकता है ,कि यहां के रहवासी कैसे है | मध्यप्रदेश में खनिज संसाधनों की अधिकता है | यहां की मिट्टी अधिक उपजाऊ है |मध्यप्रदेश की फसलों में प्रमुख गेहूं , चावल , सोयाबीन , अरहर, मूंगफली, ज्वार और कपास शामिल है | मध्य प्रदेश के लोगों की जीविका का साधन खेती है | मध्य प्रदेश के लोगों का पहनावा धोती ,कुर्ता एवं साफा है | महिलाएं लहंगा ,चुनरी, साड़ी ,पहनती है | अब आदमी पेंट शर्ट भी पहनते हैं |
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प्रदेश की भाषा-
मध्य प्रदेश के प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी -भारत देश के स्वाधीनता के लिए प्रमुख सेनानियों ने देश की आजादी की यज्ञ वेदी में अपने आप को हवन कर दिया | जिसमें प्रमुख तात्या भील , रानी दुर्गावती , चंद्रशेखर आजाद , झांसी की रानी लक्ष्मीबाई , कुंवर चैन सिंह , वीरांगना अवंती बाई , तात्या टोपे , बख्तावर सिंह , ठाकुर रणमत सिंह , सहादत खान , शहीद गुलाब सिंह आदि ने देश को बहुत दिया |
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प्रदेश के प्रमुख साहित्यकार एवं उनकी रचनाएं -
कालिदास रचनाएँ -अभिज्ञान शाकुन्तलम् , मेघदूत , कुमारसंभव ,
भर्तृहरि
रचनाएं -
भवभूति
रचनाएं -
बाणभट्ट
रचनाएं -
जगनिक रचनाएं - आल्हा ऊदल की वीर गाथाएं ,
सिंगाजी
रचनाएं -
केशवदास
रचनाएं-
भूषण
रचनाएं -
बालकृष्ण शर्मा नवीन रचनाएँ-कुमकुम, रश्मि रेखा ,स्तवन ,
सुभद्रा कुमारी चौहान रचनाएँ- राखी की चुनौती , बचपन , मुकुल की धारा , बिखरे मोती, झांसी की रानी , , वीरों का कैसा हो वसंत,
माखनलाल
चतुर्वेदी रचनाएँ -
भवानी
प्रसाद मिश्र रचनाएं -
गजानन
माधव मुक्तिबोध रचनाएं -
हरिशंकर
परसाई रचना -
शरद जोशी रचनाएं -जीभ पर सवार इल्लियाँ, फिर किसी बहाने , अंधों का हाथी
शिवमंगल
सिंह सुमन-
Art and Culture of Madhya Pradesh - The holy land of Madhya Pradesh is full of art and culture. Great artists have descended in the state of Madhya Pradesh. Whose impression is famous all over the world. Magnificent temples, grand palaces, various types of fairs, ancient philosophical sites, great artists like Tansen, Baiju Bawra, Kalidas, musicians like Bhartari. Politicians like Raja Bhoj, Rani Durgavati, and Ahilyabai have appeared in this region. Our Madhya Pradesh Like other arts, painting has also been a major part of Madhya Pradesh's life. Painting here has also been an ancient tradition of sculpture.
Religious and tourist places of Madhya Pradesh - Madhya Pradesh, the heart of India, has the inexhaustible grace of nature. The place of Baba Mahakal in Ujjain is the foremost proven religious place. Where Kumbh Mela is held every 12 years.
Ujjain - The city of Vikramaditya, situated on the banks of the Shipra, is world famous among religious places. Here Jyotirlinga is famous for Kaal Baba Mahakal's temple, origin place of Mars, Mangalnath Temple, Philosophical Caves of Raja Bhartari, Jantar Mantar and Kumbh Mela.
Amarkantak - the origin place of life-giving mother Narmada, is famous for Kapildhara and Dugdh Dhara waterfalls.
Chitrakoot - is a mythological religious place of the Hindu community. Where people come for their immense faith.
Khandwa - Famous religious place of Omkareshwar Mahadev and known for Narmada Maiya.
Pachmarhi is one such hill station of Madhya Pradesh where there is an influx of tourists. People from many countries and abroad come to visit this place.
Maheshwar - This place is known for the grand historical temple and Ghat.
Bandhavgarh National Park is famous for white lion in India. There are many types of strange animals in Bandhavgarh National Park.
Bhedaghat - Bhedaghat in Madhya Pradesh is famous for Marble Ghat, Dhuandhar Falls. Where thousands of tourists come to visit and enjoy.
Maihar (Satna) - Maihar Wali Mata is a famous place in Satna district of Madhya Pradesh. Here thousands of visitors take faith and have darshan of Mother of love. It is said that the mother fulfills the wishes of the devotees who come here.
Sanchi's Buddhist Stupa - Sanchi is the world famous Buddhist pilgrimage site of Buddhism. Apart from this, Chausath Yogini Temple, Jhansi Ki Rani Ki Samadhi, Kal Bhairav Temple, Gwalior Fort, Tansen's Tomb, Mahakal Lok etc. are places of interest in Madhya Pradesh. Which is very difficult to describe.
Special information about Madhya Pradesh
Major Universities of Madhya Pradesh
1 Vikram University Ujjain (Vikram University Ujjain)
2 Rani Durgavati University Jabalpur (Rani Durgavati University Jabalpur)
3 Dr Harisingh University Sagar3 (Dr Harisingh University Sagar)
4 Awadhesh Pratap Singh University Rewa (Awadhesh Pratap Singh University Rewa)
5 Devi Ahilya University Indore (Devi Ahilya University Indore)
6 Barkatullah University Bhopal6 (Barkatullah University Bhopal)
7 Jiwaji University Gwalior
Major decorations and honors of Madhya Pradesh
Major honors of Madhya Pradesh include Mahatma Gandhi Samman, Kalidas Samman, Devi Ahilyabai Samman, Tansen Samman, Kanhaiyalal Ved Journalism Samman, Lata Mangeshkar Award etc.
Major crops and lifestyle of Madhya Pradesh – It can be easily understood from the gesture and daily routine of the people of any state village area, how are the residents here. Madhya Pradesh has abundance of mineral resources. The soil here is more fertile. Major crops of Madhya Pradesh include wheat, rice, soyabean, pigeon pea, groundnut, jowar and cotton. Agriculture is the means of livelihood of the people of Madhya Pradesh. The dress of the people of Madhya Pradesh is Dhoti, Kurta and Safa. Women wear lehenga, chunri, saree. Now men also wear pant shirts.
Language of Madhya Pradesh - Hindi is the official language of Madhya Pradesh, it is the official language of the state. People living in Madhya Pradesh also speak Urdu, Sanskrit and Marathi languages. Apart from this, there are also many regional languages in Madhya Pradesh, which are called dialects. Old experts say, water and dialect change every 2 kms, similarly in Madhya Pradesh people speak different dialects in every village community. Similarly, Malvi Bundeli language is dominant in Madhya Pradesh. The languages spoken by the tribals here are Bhilodi, Nihali, Gondi Kotku.
Prominent freedom fighters of Madhya Pradesh - For the freedom of India, the prominent fighters sacrificed themselves in the sacrificial fire of the country's independence. In which prominent Tatya Bhil, Rani Durgavati, Chandrashekhar Azad, Rani Laxmibai of Jhansi, Kunwar Chain Singh, Veerangana Avanti Bai, Tatya Tope, Bakhtawar Singh, Thakur Ranmat Singh, Sahadat Khan, Shaheed Gulab Singh etc. gave a lot to the country.
Prominent litterateurs of Madhya Pradesh and their creations - Many great human beings were born on the holy land of Madhya Pradesh. From whose glory even today his name is immortal in the world. Many litterateurs with the power of their pen made an unbreakable garland with the power of their words and made Bharat Mata wear it which is as follows.
Kalidas compositions - Abhigyan Shakuntalam, Meghdoot, Kumarasambhava,
Bhartrihari compositions - Sanghar Shatak, Policy Shatak, Vairagya Shatak
Bhavabhuti's compositions - Uttar Ramcharit Manas, Malati Madhav, Mahavir Charit
Banabhatta compositions - Harshacharita, Kadambari,
Jagnik's creations - heroic tales of Alha Udal,
Singaji's creations - Haridwar, compiled, parchari, 15 dates, perennial,
Keshavdas's compositions - Ramchandrika, Rasikpriya, Veer Singh Charitra
Bhushan compositions - Shiva Bavani, Chhatrasal Decade, Bhushan Hazara, Bhushan Ullas, Shivraj Bhushan,
Balkrishna Sharma's new creations - Kumkum, Rashmi Rekha, Stavan,
Subhadra Kumari Chauhan's compositions - Challenge of Rakhi, Childhood, Mukul's Dhara, Scattered Moti, Jhansi Ki Rani, , How should spring be for the heroes,
Makhanlal Chaturvedi Compositions - Pushp Ki Abhilasha, Himkiritani, Hina Tarangini, Yug Charan, Maran Jwar, Bijuri, Samarpan Vanvasi, Near Time
Bhavani Prasad Mishra's compositions - Gandhi Panchshati, Geeta Paros, Chakit yeh dukh, Andheri kavita, Khushboo's inscription
Gajanan Madhav Muktibodh's compositions - The face of the moon is crooked, brown brown ashes
Harishankar Parsai Composition - As their days turn, they laugh and cry, the story of Queen Hawthorn, behind the ghost's feet, the layer of dishonesty
Sharad Joshi's creations - caterpillars riding on the tongue, then on some pretext, the elephant of the blind
Shivmangal Singh Suman- Songs of life, Halol, Pralay surgeon, faith kept on increasing, but eyes did not fill up, procession of soil, value of ages
Provided by me about Madhya Pradesh. Presented the information in front of you, I believe that all of you would have liked it.
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