मध्यप्रदेश भारत का हृदय स्थल ( Madhya Pradesh Heart of India )

                        

 

 मध्यप्रदेश भारत का हृदय स्थल ( Madhya Pradesh Heart of India )


 

आज मैं आपको देश के हृदय  मध्य प्रदेश के बारे में जानकारी प्रदान कर रहा हूं  | जिसमें मध्य प्रदेश का गठन प्रदेश में  कौन-कौन सी  चीजें प्रसिद्ध  है  | इसमें स्थित स्थल आदि के बारे में जो आप को मध्य प्रदेश के बारे में जानकारी मिल सके। मेरे इस लेख के माध्यम से आपको कई रोचक जानकारियां।  मिलेगी भारत के रहवासियोंविद्यार्थियों को भी सामान्य ज्ञान में पूछे जाने वाले सवालों के बारे में काफी हद तक फायदा होगा  इस लेख को अवश्य पढ़ें और आगे शेयर करें ताकि अधिक से अधिक लोगों तक मध्य प्रदेश के बारे में जानकारी पहुंचे  आपको यदि लेख अच्छा लगे तो लाइक शेयर करें |

प्रस्तावना- भारत देश का हृदय स्थल कहलाने वाला मध्य प्रदेश राजस्थान के बाद भारत का दूसरा बड़ा राज्य है | जिसका क्षेत्रफल 380000 वर्ग किलोमीटर है  किसी देश राज्य की भौगोलिक स्थिति उस राज्य की ऐतिहासिक एवं आर्थिक विकास की घटनाओं को अत्यधिक प्रभावित करती है |  वहां  निवास करने वाले नागरिकों और उनके आचार विचार एवं व्यवहार को प्रभावित करती है  भौगोलिक रूप से देश के केंद्रीय स्थान पर होने के कारण वास्तव में मध्य प्रदेश भारत देश का हृदय प्रदेश है | हम सभी देशवासियों के लिए गर्व है, कि हमारा जन्म भारत देश में हुआ ,और उसी देश में शांति, सौहार्द और भाईचारे का प्रदेश मध्यप्रदेश है | जिसमें महान कवि कालिदास ,भर्तहरि ,गायक संगीतकार तानसेन ,बैजू बावरा , लता मंगेशकर , राजनीतिज्ञ  राजा भोज , रानी दुर्गावती  , डॉ शंकर दयाल शर्मा हुए | महान साहित्यकार कालिदास ,भवभूतिबाणभट्ट ,जगनिक ,भूषणमाखनलालचतुर्वेदीडॉ शिवमंगल सिंह हुए | जिनकी कामयाबी का डंका विदेशों में बज रहा है |

 मध्य प्रदेश राज्य के गठन का इतिहास- मध्य प्रदेश के पुराने नाम का जिक्र करें तो इससे पहले मध्य भारत कहा जाता था |  अंग्रेजों की गुलामी से मुक्त होने के बाद सन 1950 में भारत देश के नक्शे के  बीच में होने के कारण मध्य प्रदेश कहा जाने लगा | और इसका गठन मध्यप्रदेश के नाम से हुआ |  मध्य प्रदेश नाम का गठन पूर्व ब्रिटिश केंद्रीय प्रांत और बरार, मकराइ  के राजसी राज्य  और छत्तीसगढ़ को मिलाकर किया गया |  मध्यप्रदेश की स्थापना के बाद नागपुर को राजधानी बनाई गई  | लेकिन राज्य पुनर्गठन अधिनियम 1956 के अनुसार फिर से इस प्रदेश में कुछ क्षेत्र मिलाए गए |  तथा  कुछ क्षेत्र अलग हुए ,इसके तहत मध्य भारत ,विंध्य प्रदेश और भोपाल राज्य मध्य प्रदेश में  मिलाया गया ,तथा नागपुर जो पहले मध्य प्रदेश में स्थित था इसे अलग कर महाराष्ट्र का हिस्सा बनाया गया  | राज्य का पुनर्गठन के बाद भोपाल शहर को मध्य प्रदेश की राजधानी का दर्जा दिया गया |  राज्य का उच्च न्यायालय जबलपुर और खंडपीठ ग्वालियर इंदौर में स्थापित किया गया |

मध्य प्रदेश के पुनर्गठन का इतिहास- मध्य प्रदेश राज्य का पुनर्गठन सन 2000 में हुआ |सन 2000 में मध्य प्रदेश से अलग एक नए राज्य का गठन हुआ | मध्य प्रदेश के दक्षिण पूर्वी हिस्से को काटकर नए राज्य छत्तीसगढ़ का निर्माण किया गया ,जिसे आज छत्तीसगढ़ राज्य कहते हैं | इस प्रकार वर्तमान मध्यप्रदेश का अस्तित्व म सामने आया | यह राज्य करीब 300 लाख हेक्टेयर से अधिक भौगोलिक क्षेत्र में फैला है | क्षेत्रफल की दृष्टि से मध्य प्रदेश भारत का दूसरा सबसे बड़ा राज्य है |



मध्य प्रदेश की राजधानी -वर्तमान में देश के दूसरे सबसे बड़े राज्य की राजधानी भोपाल है  |भोपाल प्राकृतिक , सौंदर्य की दृष्टि से अनुपम शहर है  | जिसे तालाबो की नगरी कहा जाता है | भोपाल को परमार वंश के महा पराक्रमी, राजा भोज ने भोज पाल नगर के नाम से बसाया था |  आगे चलकर इस शहर का नाम भोपाल पड़ा | हमारे लिए गर्व की बात है ,कि भारत के नो वे राष्ट्रपति डॉ शंकर दयाल शर्मा का जन्म मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में हुआ था |

मध्य प्रदेश के जिले -

वर्तमान में मध्य प्रदेश के जिले ,आगर मालवा, अलीराजपुर , अनूपपुर , अशोकनगर , बालाघाट , बड़वानी  , बेतूल,  भिंड , भोपाल , बुरहानपुर ,  छतरपुर,  छिंदवाड़ा ,  दमोह , दतिया ,  देवास,  धार , डिंडोरी ,  गुना , ग्वालियर , हरदा   , इंदौर ,  जबलपुर ,  खंडवा ,  झाबुआ , कटनी  ,खरगोन  ,मंडला  ,मंदसौर , मुरैना , नर्मदा पुरम  ,नरसिंहपुर , नीमच  ,निवाड़ी  , पन्ना  , रायसेन , राजगढ़  ,रतलाम , रीवा , सागर , सतना , सीहोर ,  सिवनी ,  शहडोल ,  शाजापुर , शिवपुरी , सीधी , सिंगरौली  , टीकमगढ़ , उज्जैन , उमरिया  ,विदिशा , मध्य प्रदेश  में एक नया जिला बनाने की मांग की जा रही है, वह है नागदा से उज्जैन जिले से  विभाजित करके नागदा का नया जिला बनाने का प्रस्ताव है 

मध्य प्रदेश के प्रमुख शहर- भारत देश के हृदय स्थल मध्यप्रदेश में अनेक शहर है | इन शहरों का उद्योग धंधे धार्मिकता और पर्यटन की दृष्टि से काफी महत्व है | जनसंख्या की दृष्टि से देखा जाए तो इंदौर मध्य प्रदेश राज्य की आर्थिक राजधानी है , जिसे मुंबई का बच्चा भी कहा जाता है  |इस प्रदेश के प्रमुख शहर भोपाल  , इंदौर,  जबलपुर ,  ग्वालियर , उज्जैन  , सागर  , रतलाम ,  सतना , रीवा , छिंदवाड़ा  , छतरपुर  , विदिशा , नीमच ,  नर्मदा पुरम ,  इटारसी आदि |

मध्य प्रदेश की भौगोलिक स्थिति -मध्य प्रदेश का क्षेत्रफल 308245 वर्ग किलोमीटर है  | मध्य प्रदेश में करीबन 30% से अधिक जमीन पर वन है | देश में मध्य प्रदेश दूसरा सबसे बड़ा प्रदेश है |

मध्यप्रदेश की प्रमुख नदियां- भारत देश में मां का दर्जा सबसे बड़ा है | मां शब्द का वर्णन  आज तक कोई भी नहीं कर पाया है  | भारत देश में नदियों को भी मां का दर्जा प्राप्त है  | मध्यप्रदेश में बहने वाली राज्य को  उन्नत करने वाली एवं इस धरा पर रहने वाले प्राणियों की प्यास बुझा कर इस पवित्र धरा को हरा-भरा करने वाली पवित्र नदियां निम्नलिखित है  |नर्मदा , शिप्रा , चंबल , सोन नदी , ताप्ती ,  बेतवा  , तवा नदी , वैनगंगा नदी ,  पेज नदी ,  माही नदी ,  पार्वती नदी ,  कावेरी नदी , कूनो नदी , गार नदी  , छोटी तवा नदी ,  खान नदी जोहिला नदी , बह कर मध्य प्रदेश के खेतों को हरा भरा करके लोगों की भूख शांत करती है  | मध्य प्रदेश की सभी नदियों का ऐतिहासिक धार्मिक व पौराणिक रूप से विशेष महत्व है ||

मध्य प्रदेश की कला एवं संस्कृति -मध्य प्रदेश की पावन भूमि कला एवं संस्कृति के बारे में परिपूर्ण है  |इस देश के प्रदेश मध्यप्रदेश में महान कलाकारों का अवतरण हुआ है | जिसकी छाप पूरे विश्व में  विख्यात है | शानदार मंदिर, भव्य महल , कई प्रकार के मेले प्राचीन दार्शनिक स्थल, महान कलाकार तानसेन , बैजू बावरा , कालिदास , भरतरी जैसे संगीतकार हुए हैं  |राजा भोज ,रानी दुर्गावती, और अहिल्याबाई जैसे राजनीतिज्ञ इस प्रदेश में अवतरित हुए हैं | हमारा मध्यप्रदेश अन्य कलाओं की तरह चित्रकला में भी मध्यप्रदेश के जीवन का मुख्य हिस्सा रहा है  |यहां की चित्रकला मूर्तिकला की एक प्राचीन परंपरा भी रही है |

 मध्य प्रदेश के धार्मिक एवं पर्यटन स्थल-भारत के हृदय स्थल मध्यप्रदेश पर प्रकृति की अटूट अनुकंपा है  | उज्जैन में बाबा महाकाल का स्थान सर्वोपरि सिद्ध धार्मिक स्थल है  | जहां हर 12 वर्ष में कुंभ का मेला लगता है |

उज्जैन -शिप्रा किनारे बसा उज्जैन विक्रमादित्य की नगरी धार्मिक स्थलों में विश्व विख्यात है | यहां ज्योतिर्लिंग कालों के काल बाबा महाकाल का मंदिर, मंगल ग्रह की उत्पत्ति स्थान ,मंगलनाथ मंदिर, राजा भरतरी की दार्शनिक गुफाएं ,जंतर मंतर और कुंभ मेले के लिए प्रसिद्ध है |

 अमरकंटक -जीवनदायिनी मां नर्मदा का उद्गम स्थल, कपिलधारा एवं दुग्ध धारा जलप्रपात के लिए विख्यात है  |

चित्रकूट -हिंदू समुदाय का पौराणिक धार्मिक स्थल है  | जहां लोग अपनी अमित आस्था के लिए आते हैं |

खंडवा -ओंकारेश्वर महादेव का प्रसिद्ध धार्मिक स्थल एवं नर्मदा मैया के लिए जाना जाता है  |

पचमढ़ी -मध्यप्रदेश का एक ऐसा  हिल स्टेशन है जहां पर्यटकों का तांता लगा रहता है | कई देश विदेश के लोग इस स्थान पर  भ्रमण करने के लिए आते हैं |

महेश्वर -यह स्थान  भव्य ऐतिहासिक मंदिर एवं घाट के लिए जाना जाता है  |

बांधवगढ़ -राष्ट्रीय उद्यान भारत में सफेद शेर के लिए प्रसिद्ध है  |बांधव गढ़ राष्ट्रीय उद्यान में कई प्रकार के विचित्र जानवर है |

भेड़ाघाट -मध्यप्रदेश में भेड़ाघाट, संगमरमर के घाट ,धुआंधार जलप्रपात के लिए विख्यात है  |जहां हजारों सैलानी घूमने  व आनंद लेने आते हैं  |

मैहर  (सतना) -मध्यप्रदेश के सतना जिले में मैहर वाली माता का प्रसिद्ध स्थान है  | यंहा हजारों की संख्या में दर्शनार्थी आस्था लेकर मैहर वाली माता के दर्शन करते हैं |  ऐसा कहा जाता है, कि मां यहां आने वाले भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करती हैं |

सांची का बौद्ध स्तूप -सांची में बौद्ध धर्म का विश्व विख्यात बौद्ध तीर्थ स्थल है  | इसके अलावा मध्यप्रदेश में चौसठ योगिनी मंदिर, झांसी की रानी की समाधि  , काल भैरव मंदिर  , ग्वालियर का किला , तानसेन का मकबरा , महाकाल लोक आदि ,दर्शनीय स्थल हैं  | जिनका वर्णन करना बहुत मुश्किल है |

                                          मध्य प्रदेश के बारे में विशेष जानकारियां

मध्यप्रदेश  के प्रमुख  विश्वविद्यालय 

1   विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन               ( Vikram University Ujjain)

2  रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर  (  Rani Durgavati University Jabalpur)

  डॉ हरिसिंह विश्वविद्यालय सागर3      ( Dr Harisingh University Sagar)

4   अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय रीवा   ( Awadhesh Pratap Singh University Rewa)

 5   देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौ          ( Devi Ahilya University Indore )

 बरकतउल्ला विश्वविद्यालय भोपाल6       ( Barkatullah University Bhopal )

7  जीवाजी विश्वविद्यालय ग्वालियर          ( Jiwaji University Gwalior )

 मध्य प्रदेश के प्रमुख अलंकरण एवं सम्मान  

मध्य प्रदेश के प्रमुख सम्मान में महात्मा गांधी सम्मान,  कालिदास सम्मान,  देवी अहिल्याबाई सम्मान,  तानसेन सम्मान , कन्हैयालाल वेद पत्रकारिता सम्मान , लता मंगेशकर पुरस्कार आदि |

मध्यप्रदेश की प्रमुख फसलें एवं रहन-सहन- किसी भी प्रदेश गांव क्षेत्र के लोगों के हावभाव एवं दिनचर्या से आसानी से समझा जा सकता है ,कि यहां के रहवासी कैसे है  | मध्यप्रदेश में खनिज संसाधनों की अधिकता है  | यहां की मिट्टी अधिक उपजाऊ है |मध्यप्रदेश की फसलों में प्रमुख गेहूं ,  चावल , सोयाबीन  , अरहर, मूंगफली, ज्वार और कपास शामिल है | मध्य प्रदेश के लोगों की जीविका का साधन खेती है  | मध्य प्रदेश के लोगों का पहनावा धोती ,कुर्ता एवं साफा है | महिलाएं लहंगा ,चुनरी, साड़ी ,पहनती है | अब आदमी पेंट शर्ट भी पहनते हैं |

मध्य प्रदेश की भाषा- मध्य प्रदेश राजभाषा हिंदी है यह राज्य की अधिकारिक भाषा है | मध्यप्रदेश में निवास करने वाले लोग उर्दू ,संस्कृत एवं मराठी भाषा भी बोलते हैं | इसके अलावा मध्यप्रदेश में कई क्षेत्रीय भाषा भी है ,जिसे बोली कहा जाता है | पुराने जानकार कहते हैंहर 2 किलोमीटर पर पानी और बोली बदल जाती हैऐसे ही मध्यप्रदेश में हर गांव समुदाय में लोग अलग-अलग बोली बोलते हैं | ऐसे ही मध्यप्रदेश में मालवी बुंदेली भाषा प्रमुख है  | यहां के आदिवासी ,जनजातियों द्वारा बोली जाने वाली भाषाएं  भीलोड़ी , निहालीगोंडी कोटकु  प्रमुख है |

मध्य प्रदेश के प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी -भारत देश के स्वाधीनता के लिए प्रमुख सेनानियों ने देश की आजादी की यज्ञ वेदी में अपने आप को हवन कर दिया | जिसमें प्रमुख तात्या भील , रानी दुर्गावती ,  चंद्रशेखर आजाद ,  झांसी की रानी लक्ष्मीबाई ,  कुंवर चैन सिंह ,  वीरांगना अवंती बाई  , तात्या टोपे ,  बख्तावर सिंह ,  ठाकुर रणमत सिंह ,  सहादत खान , शहीद गुलाब सिंह आदि ने देश को बहुत दिया |

मध्य प्रदेश के प्रमुख साहित्यकार एवं उनकी रचनाएं  -मध्यप्रदेश की पावन धरा पर बहुत  महान  मनुष्यों ने जन्म लिया | जिनके परचम से आज भी विश्व में उनका नाम अमर है  | कई साहित्यकारों ने अपनी कलम की ताकत से अपने शब्दों के बल से अटूट माला बनाकर भारत माता को पहनाई जो निम्न हे |

कालिदास रचनाएँ -अभिज्ञान शाकुन्तलम्  , मेघदूत ,  कुमारसंभव  ,

भर्तृहरि रचनाएं -संघार शतक, नीति शतक,  वैराग्य शतक  

भवभूति रचनाएं -उत्तर रामचरित मानस ,  मालती माधव  , महावीर चरित  

बाणभट्ट रचनाएं - हर्षचरित ,  कादंबरी ,

जगनिक रचनाएं आल्हा ऊदल की वीर गाथाएं ,

सिंगाजी रचनाएं हरिद्वार,  संकलित ,  परचरी , 15 तिथि,  बारहमासी,

केशवदास रचनाएं-रामचंद्रिका , रसिकप्रिया  , वीर सिंह चरित्र  

भूषण रचनाएं शिवा बावनी ,  छत्रसाल दशक  , भूषण हजारा ,  भूषण उल्लास  , शिवराज भूषण,

बालकृष्ण शर्मा नवीन रचनाएँ-कुमकुम,  रश्मि रेखा  ,स्तवन ,

सुभद्रा कुमारी चौहान रचनाएँराखी की चुनौती ,  बचपन ,  मुकुल की धारा  , बिखरे मोती,  झांसी की रानी  ,                                                                        ,  वीरों का कैसा हो वसंत,

माखनलाल चतुर्वेदी रचनाएँ - पुष्प की अभिलाषा , हिमकिरीटनी  , हिना तरंगिणी ,  युग चरण ,  मरण                                                                          ज्वार    ,  बिजुरी ,  समर्पण वनवासी ,  समय के पास

भवानी प्रसाद मिश्र रचनाएं गांधी पंचशती  , गीता परोस,  चकित यह दुख , अंधेरी कविता ,  खुशबू के                                                                          शिलालेख

 गजानन माधव मुक्तिबोध रचनाएं -चांद का मुंह टेढ़ा  ,भूरी भूरी खाक  

हरिशंकर परसाई रचना -जैसे उनके दिन फिरे ,  हंसते हैं रोते हैं  , रानी नागफनी की कहानी  ,भूत के पाँव पीछे ,  बेईमानी की परत

शरद जोशी रचनाएं -जीभ पर सवार इल्लियाँ,  फिर किसी बहाने  , अंधों का हाथी

 शिवमंगल सिंह सुमन- जीवन के गाना , हलोल ,  प्रलय सर्जन , विश्वास बढ़ता ही गया , पर आंखें भरी नहीं  , मिट्टी की बारात , युगो का मोल

 मध्य प्रदेश के बारे में मेरे द्वारा प्रदान की गई |  जानकारियां आपके समक्ष प्रस्तुत की ,आप सभी को अच्छी लगी होगी ऐसा मेरा विश्वास है |

 (रघुवीर सिंह पंवार )



      Madhya Pradesh Heart of India

Today I am providing you information about Madhya Pradesh, the heart of the country. In which the formation of Madhya Pradesh, what things are famous in the state. About the places etc. located in it, so that you can get information about Madhya Pradesh. You got many interesting information through this article of mine. Will get | Residents of India, students will also benefit to a great extent about the questions asked in general knowledge. Must read this article and share further so that information about Madhya Pradesh reaches maximum number of people. If you like the article then like share it.

Introduction- Madhya Pradesh, which is called the heart of the country, is the second largest state of India after Rajasthan. Whose area is 380000 square kilometers. The geographical location of a country-state greatly influences the events of historical and economic development of that state. Affects the citizens living there and their conduct, thoughts and behavior. Being geographically at the central place of the country, in fact Madhya Pradesh is the heart state of India. We all countrymen are proud that we were born in the country of India, and in that country Madhya Pradesh is the state of peace, harmony and brotherhood. In which great poet Kalidas, Bharathari, singer musician Tansen, Baiju Bawra, Lata Mangeshkar, politician Raja Bhoj, Rani Durgavati, Dr. Shankar Dayal Sharma were there. Kalidas, Bhavabhuti, Banabhatta, Jagnik, Bhushan, Makhanlal, Chaturvedi, Dr. Shivmangal Singh became great writers. Whose success is being heard in foreign countries.


  History of the formation of Madhya Pradesh state- If we mention the old name of Madhya Pradesh, earlier it was called Madhya Bharat. After being freed from the slavery of the British in the year 1950, due to being in the middle of the map of the country, India came to be known as Madhya Pradesh. And it was formed in the name of Madhya Pradesh. The name Madhya Pradesh was formed by merging the former British Central Provinces and the princely states of Berar, Makrai and Chhattisgarh. Nagpur was made the capital after the establishment of Madhya Pradesh. But according to the State Reorganization Act 1956, again some areas were added to this state. And some areas were separated, under this Madhya Bharat, Vindhya Pradesh and Bhopal state were merged in Madhya Pradesh, and Nagpur, which was earlier located in Madhya Pradesh, was separated and made a part of Maharashtra. After the reorganization of the state, the city of Bhopal was given the status of the capital of Madhya Pradesh. The High Court of the State was established at Jabalpur and Bench at Gwalior, Indore.

History of reorganization of Madhya Pradesh - Madhya Pradesh state was reorganized in the year 2000. In the year 2000, a new state was formed apart from Madhya Pradesh. The new state Chhattisgarh was created by cutting the south-eastern part of Madhya Pradesh, which is today called Chhattisgarh state. Thus the present Madhya Pradesh came into existence. This state is spread over a geographical area of more than 300 lakh hectares. Madhya Pradesh is the second largest state of India in terms of area.

The capital of Madhya Pradesh - at present Bhopal is the capital of the country's second largest state. Bhopal is a unique city in terms of natural beauty. Which is called the city of ponds. Bhopal was established by the name of Bhoj Pal Nagar by Raja Bhoj, the great warrior of Parmar dynasty. Later on this city was named Bhopal. It is a matter of pride for us that the No Way President of India Dr. Shankar Dayal Sharma was born in Bhopal, the capital of Madhya Pradesh.


districts of Madhya Pradesh -

Presently the districts of Madhya Pradesh are Agar Malwa, Alirajpur, Anuppur, Ashoknagar, Balaghat, Barwani, Betul, Bhind, Bhopal, Burhanpur, Chhatarpur, Chhindwara, Damoh, Datia, Dewas, Dhar, Dindori, Guna, Gwalior, Harda, Indore, Jabalpur, Khandwa, Jhabua, Katni, Khargone, Mandla, Mandsaur, Morena, Narmada Puram, Narsinghpur, Neemuch, Niwari, Panna, Raisen, Rajgarh, Ratlam, Rewa, Sagar, Satna, Sehore, Seoni, Shahdol, Shajapur, Shivpuri, Sidhi , Singrauli, Tikamgarh, Ujjain, Umaria, Vidisha, there is a demand to create a new district in Madhya Pradesh, it is proposed to create a new district of Nagda by dividing it from Ujjain district from Nagda

Major cities of Madhya Pradesh - There are many cities in Madhya Pradesh, the heart of India. These cities are of great importance in terms of industry, business, religion and tourism. In terms of population, Indore is the economic capital of the state of Madhya Pradesh, which is also known as the child of Mumbai. The major cities of this state are Bhopal, Indore, Jabalpur, Gwalior, Ujjain, Sagar, Ratlam, Satna, Rewa, Chhindwara, Chhatarpur, Vidisha, Neemuch, Narmada Puram, Itarsi etc.

Geographical location of Madhya Pradesh - The area of Madhya Pradesh is 308245 square kilometers. In Madhya Pradesh, there is forest on more than 30% of the land. Madhya Pradesh is the second largest state in the country.

Major rivers of Madhya Pradesh - India has the biggest status of mother in the country. No one has been able to describe the word mother till date. Rivers also have the status of mother in the country of India. Following are the holy rivers that flow in Madhya Pradesh and make this holy land green by quenching the thirst of the creatures living in Madhya Pradesh. Narmada, Shipra, Chambal, Son river, Tapti, Betwa, Tawa river, Wainganga River, Page River, Month

Art and Culture of Madhya Pradesh - The holy land of Madhya Pradesh is full of art and culture. Great artists have descended in the state of Madhya Pradesh. Whose impression is famous all over the world. Magnificent temples, grand palaces, various types of fairs, ancient philosophical sites, great artists like Tansen, Baiju Bawra, Kalidas, musicians like Bhartari. Politicians like Raja Bhoj, Rani Durgavati, and Ahilyabai have appeared in this region. Our Madhya Pradesh Like other arts, painting has also been a major part of Madhya Pradesh's life. Painting here has also been an ancient tradition of sculpture.



  Religious and tourist places of Madhya Pradesh - Madhya Pradesh, the heart of India, has the inexhaustible grace of nature. The place of Baba Mahakal in Ujjain is the foremost proven religious place. Where Kumbh Mela is held every 12 years.


Ujjain - The city of Vikramaditya, situated on the banks of the Shipra, is world famous among religious places. Here Jyotirlinga is famous for Kaal Baba Mahakal's temple, origin place of Mars, Mangalnath Temple, Philosophical Caves of Raja Bhartari, Jantar Mantar and Kumbh Mela.


  Amarkantak - the origin place of life-giving mother Narmada, is famous for Kapildhara and Dugdh Dhara waterfalls.


Chitrakoot - is a mythological religious place of the Hindu community. Where people come for their immense faith.


Khandwa - Famous religious place of Omkareshwar Mahadev and known for Narmada Maiya.


Pachmarhi is one such hill station of Madhya Pradesh where there is an influx of tourists. People from many countries and abroad come to visit this place.


Maheshwar - This place is known for the grand historical temple and Ghat.


Bandhavgarh National Park is famous for white lion in India. There are many types of strange animals in Bandhavgarh National Park.


Bhedaghat - Bhedaghat in Madhya Pradesh is famous for Marble Ghat, Dhuandhar Falls. Where thousands of tourists come to visit and enjoy.


Maihar (Satna) - Maihar Wali Mata is a famous place in Satna district of Madhya Pradesh. Here thousands of visitors take faith and have darshan of Mother of love. It is said that the mother fulfills the wishes of the devotees who come here.


Sanchi's Buddhist Stupa - Sanchi is the world famous Buddhist pilgrimage site of Buddhism. Apart from this, Chausath Yogini Temple, Jhansi Ki Rani Ki Samadhi, Kal Bhairav Temple, Gwalior Fort, Tansen's Tomb, Mahakal Lok etc. are places of interest in Madhya Pradesh. Which is very difficult to describe.


                                           Special information about Madhya Pradesh



Major Universities of Madhya Pradesh


1 Vikram University Ujjain (Vikram University Ujjain)


2 Rani Durgavati University Jabalpur (Rani Durgavati University Jabalpur)


  3 Dr Harisingh University Sagar3 (Dr Harisingh University Sagar)


4 Awadhesh Pratap Singh University Rewa (Awadhesh Pratap Singh University Rewa)


  5 Devi Ahilya University Indore (Devi Ahilya University Indore)


6 Barkatullah University Bhopal6 (Barkatullah University Bhopal)


7 Jiwaji University Gwalior


  Major decorations and honors of Madhya Pradesh


Major honors of Madhya Pradesh include Mahatma Gandhi Samman, Kalidas Samman, Devi Ahilyabai Samman, Tansen Samman, Kanhaiyalal Ved Journalism Samman, Lata Mangeshkar Award etc.


Major crops and lifestyle of Madhya Pradesh – It can be easily understood from the gesture and daily routine of the people of any state village area, how are the residents here. Madhya Pradesh has abundance of mineral resources. The soil here is more fertile. Major crops of Madhya Pradesh include wheat, rice, soyabean, pigeon pea, groundnut, jowar and cotton. Agriculture is the means of livelihood of the people of Madhya Pradesh. The dress of the people of Madhya Pradesh is Dhoti, Kurta and Safa. Women wear lehenga, chunri, saree. Now men also wear pant shirts.


Language of Madhya Pradesh - Hindi is the official language of Madhya Pradesh, it is the official language of the state. People living in Madhya Pradesh also speak Urdu, Sanskrit and Marathi languages. Apart from this, there are also many regional languages in Madhya Pradesh, which are called dialects. Old experts say, water and dialect change every 2 kms, similarly in Madhya Pradesh people speak different dialects in every village community. Similarly, Malvi Bundeli language is dominant in Madhya Pradesh. The languages spoken by the tribals here are Bhilodi, Nihali, Gondi Kotku.


Prominent freedom fighters of Madhya Pradesh - For the freedom of India, the prominent fighters sacrificed themselves in the sacrificial fire of the country's independence. In which prominent Tatya Bhil, Rani Durgavati, Chandrashekhar Azad, Rani Laxmibai of Jhansi, Kunwar Chain Singh, Veerangana Avanti Bai, Tatya Tope, Bakhtawar Singh, Thakur Ranmat Singh, Sahadat Khan, Shaheed Gulab Singh etc. gave a lot to the country.


Prominent litterateurs of Madhya Pradesh and their creations - Many great human beings were born on the holy land of Madhya Pradesh. From whose glory even today his name is immortal in the world. Many litterateurs with the power of their pen made an unbreakable garland with the power of their words and made Bharat Mata wear it which is as follows.


Kalidas compositions - Abhigyan Shakuntalam, Meghdoot, Kumarasambhava,

Bhartrihari compositions - Sanghar Shatak, Policy Shatak, Vairagya Shatak


Bhavabhuti's compositions - Uttar Ramcharit Manas, Malati Madhav, Mahavir Charit


Banabhatta compositions - Harshacharita, Kadambari,


Jagnik's creations - heroic tales of Alha Udal,


Singaji's creations - Haridwar, compiled, parchari, 15 dates, perennial,


Keshavdas's compositions - Ramchandrika, Rasikpriya, Veer Singh Charitra


Bhushan compositions - Shiva Bavani, Chhatrasal Decade, Bhushan Hazara, Bhushan Ullas, Shivraj Bhushan,


Balkrishna Sharma's new creations - Kumkum, Rashmi Rekha, Stavan,


Subhadra Kumari Chauhan's compositions - Challenge of Rakhi, Childhood, Mukul's Dhara, Scattered Moti, Jhansi Ki Rani, , How should spring be for the heroes,


Makhanlal Chaturvedi Compositions - Pushp Ki Abhilasha, Himkiritani, Hina Tarangini, Yug Charan, Maran Jwar, Bijuri, Samarpan Vanvasi, Near Time


Bhavani Prasad Mishra's compositions - Gandhi Panchshati, Geeta Paros, Chakit yeh dukh, Andheri kavita, Khushboo's inscription


  Gajanan Madhav Muktibodh's compositions - The face of the moon is crooked, brown brown ashes


Harishankar Parsai Composition - As their days turn, they laugh and cry, the story of Queen Hawthorn, behind the ghost's feet, the layer of dishonesty


Sharad Joshi's creations - caterpillars riding on the tongue, then on some pretext, the elephant of the blind


  Shivmangal Singh Suman- Songs of life, Halol, Pralay surgeon, faith kept on increasing, but eyes did not fill up, procession of soil, value of ages


  Provided by me about Madhya Pradesh. Presented the information in front of you, I believe that all of you would have liked it.


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