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Showing posts from December, 2025

भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस पर एक भावनात्मक श्रद्धांजलि

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 6 दिसंबर… यह तारीख भारत के इतिहास में एक ऐसा दिन है, जब करोड़ों लोग बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर को याद करते हैं। यह दिन हमें सिर्फ एक महापुरुष के निधन की याद नहीं दिलाता, बल्कि यह सोचने का अवसर भी देता है कि हम आज जिस भारत में जी रहे हैं, उसकी नींव किन आदर्शों पर रखी गई। डॉ. अंबेडकर ने अपने पूरे जीवन में एक ही सपना देखा— एक ऐसा भारत, जहाँ सभी को बराबरी का अधिकार मिले, जहाँ किसी का सम्मान उसकी जाति से नहीं बल्कि उसकी योग्यताओं से तय हो। बाबा साहेब: संघर्ष से रोशन हुआ जीवन उनका जीवन कठिनाइयों से भरा हुआ था। भेदभाव, गरीबी, अपमान… इन सबने उन्हें तोड़ने की कोशिश की, लेकिन बाबा साहेब टूटे नहीं। उन्होंने यह साबित कर दिया कि— “कठिन परिस्थितियाँ महान व्यक्तित्वों को नहीं रोकतीं, बल्कि उन्हें और मजबूत बनाती हैं।” उनकी शिक्षा के प्रति दृढ़ इच्छा, उनकी मेहनत और उनका संघर्ष आज भी हर युवा के लिए प्रेरणा है। संविधान: एक समतामूलक भारत का सपना भारत का संविधान सिर्फ क़ानूनों की किताब नहीं है; यह बाबा साहेब का वह सपना है जिसमें वे चाहते थे कि हर व्यक्ति— सम्मान से जिए, न्याय पाए...

टंट्या भील: जंगलों का लाल, न्याय का सिपाही

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 टंट्या भील: आदिवासी अस्मिता के प्रतीक, अंग्रेजों के ख़िलाफ़ गोरिल्ला युद्ध के महानायक टंट्या भील , टंट्या मामा , अमर शहीद टंट्या भील , टंट्या भील का इतिहास , टंट्या भील कौन थे , भील समुदाय का नायक , आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी , मध्यप्रदेश का जननायक , टंट्या भील की जीवनी , गोरिल्ला युद्ध नेता , टंट्या भील की कहानी , भारतीय आदिवासी वीर आदिवासी अधिकार, आदिवासी विद्रोह, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम, ब्रिटिश शासन का प्रतिरोध, भील समाज का संघर्ष, मध्यभारत का इतिहास, जबलपुर फाँसी, जननायक टंट्या, टंट्या मेला, टंट्या भील स्मारक। भूमिका: इतिहास की परछाइयों से उठता एक तेजस्वी नाम भारत की स्वतंत्रता संग्राम की कथा में कुछ नाम उतने ही तेजस्वी हैं जितने चर्चा से दूर। ऐसे ही एक महानायक हैं— अमर शहीद टंट्या भील , जिन्हें मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और राजस्थान की जनता ‘ टंट्या मामा ’ कहकर सम्मानित करती है। आजादी के संघर्ष को अक्सर केवल शहरों और राजनीतिक मंचों तक सीमित मान लिया जाता है, लेकिन जंगलों, पहाड़ों और आदिवासी समाज में भी अंग्रेजों के विरुद्ध एक जबरदस्त क्रांति चल रही थी। इस क्रांति का सबस...