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संघर्ष की राह कहानी भाग 9

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  संघर्ष की राह कहानी भाग  9 शेरपुर के सरपंच का चुनावी संग्राम :- शेरपुर गांव विकास की ओर बढ़ रहा था। गांव में शासन की कई मूलभूत योजना   गांव वालों को मिल रही थी। गांव वालों की आर्थिक स्थिति काफी हद तक सुधर चुकी थी। गांव के लोग वैज्ञानिक तरीके से खेती का काम कर रहे थे. | जैविक खेती के मामले मे शेरपुर गांव का नाम जिले में पहले नम्बर पर था। कुछ समय बाद सरकार द्वारा   पंचायत चुनाव की घोषणा कर दी। गांव के लोग सोच रहे थे अपने गांव का सरपंच कैसे बनाए | गांव की चौपाल पर चर्चा हो रही थी। उसी गांव मे एक जमींदार परिवार भी रहता था , उसके दो लड़के थे जमीदार के पास जमीन भी ज्यादा थी। और ब्याज से पैसे गांव वालों को देता था। लोग उससे डरते थे। जमीदार के लड़के ने लोगों को डराना शुरू कर दिया , और होने वाले आगामी सरपंच के चुनाव के लिए अपने पक्ष में मतदान करने के लिए लोगों के बीच में जाना प्रारम्भ कर दिया। जो लोग रोहित को चाहते थे उनको जमीदार की बात अच्छी नहीं लगी। उन्होंने जमीदार की बातो पर ध्यान नहीं दिया। उनका मानना था जमीदार ने उनका पहले बहुत शोषण किया | ज्यादा   भाव से...

संघर्ष की राह कहानी भाग 8

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  संघर्ष की राह कहानी भाग 8 संघर्ष की राह कहानी भाग  8       "पर्यावरण संरक्षण से गांव का विकास रोहित की पहल : - शेरपुर गांव विकसित गांव बनने लगा | गांव के लोग रोजगार से जुड़कर आर्थिक रूप से मजबूत होने लगे | एक दिन रोहित और गांव के मुखिया ने पंचायत मे एक बैठक का आयोजन किया गांव के वरिष्ठ लोगों को बैठक में बुलाकर गांव के विकास के लिए चर्चा की ,   पंचायत के एक पंच ने कहा हमारा वातावरण प्रदूषित होता जा रहा है. प्रदूषण के कारण गर्मी अधिक हो रही है , तथा वर्षा भी कम होती है  | इसके बारे मे हमें क्या करना चाहिए ? जिससे हमारा पर्यावरण संतुलित हो सके रोहित ने कहा इसका उपाय भी है |   हम इसका हल सभी मिलकर कर सकते हैं । मुखिया जी , कैसे आप विस्तार से बताएं ? रोहित ने बताया हम सभी ने अपना स्वार्थ सिद्ध करने की भावना से पर्यावरण को नुकसान पहुँचाया है |   जिसका परिणाम हम भुगत रहे हैं , न हमे शुद्ध हवा मिल पा रही है.और   न शांत वातावरण रमेश बोला हमने कैसे पर्यावरण को हानि पहुंचाई रोहित ने कहा पहले हमारे गांव मे बड़े बड़े जंगल थे. ल...