मध्य प्रदेश की गाथा ( कविता )
मध्य प्रदेश की गाथा ( कविता )
रघुवीर सिंह पंवार (उज्जैन )
मध्य प्रदेश, है दिल से भारत का प्यारा,
यहां की नदियाँ, पर्वत,
और मैदान हैं न्यारा।
नर्मदा की धारा, ताप्ती
का संग,
सिंध की वादियाँ, हैं
जैसे गीत का रंग।
उज्जैन में महाकाल,
बसा है शिव का घर,
भोपाल की झीलें, सुहाना
करते हर सफर।
पचमढ़ी की हरी-भरी वादियाँ,
प्राकृतिक सुंदरता में बसी हैं आशाएँ।
होली और दीवाली, मनाए
जाते यहाँ,
हर त्योहार में बसती है खुशियों की रुनझुन।
नवरात्रि की धूम, गरबा
की रौनक,
सांची के स्तूप, हैं
बौद्ध धर्म का प्रतीक,
ग्वालियर का किला, इतिहास
का चित्रकला मीत।
यहाँ के गाँवों में बसी है मेहनत की खुशबू,
जनजातियाँ यहाँ की, अनमोल
संस्कृति का रूप।
मध्य प्रदेश की भूमि है, हर दिल की पहचान,
यह राज्य है भारत का, सच्चा
प्यारा सामान।
यहाँ की नदियाँ, पर्वत,
मंदिर और महल,
सभी मिलकर कहते हैं, "
यह राज्य है सच में अनमोल!
यह भी पड़े


Comments
Post a Comment