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Showing posts from August, 2025

संघर्ष की राह भाग 4

  : प्रीति का  महिलाओ के प्रति  योगदान :- प्रीति ने कुछ दिन बाद से गांव की महिलाओं को सिलाई केन्द्र खोलकर प्रशिक्षण देना प्रारम्भ कर दिया। प्रीति ने गांव की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने हेतु प्रोत्साहित किया। एवं सिलाई प्रशिक्षण देकर सभी महिलाओं को सिलाई का काम सिखा दिया। साथ ही सब सहायता समूह का गठन किया , जिसमें महिलाएं हर माह बचत की राखी समूह में जमा करने लगी। समूह का बचत खाता बैंक मे खुलवाया। प्रीति की पहल से बैंक ने समूह को सिलाई मशीन खरीदने के लिए कम ब्याज पर बैंक द्वारा लोन मिल गया। गांव की महिलाओं ने सिलाई मशीन खरीदी महिलाओं ने मिलकर सिलाई का काम प्रारम्भ कर दिया |   रोहित ने शहर जाकर कपड़ो के कारखाने वाले से सम्पर्क कर कच्चा माल लेकर रेडीमेड कपड़े बनाने का अनुबंध किया महिलाएं कपड़े सिलने लगी और गांव से रेडीमेड माल तैयार होकर शहर जाने लगा। महिलाओं की अतिरिक्त आय होने लगी। घर के पुरुष खेती का काम करने लगे  | महिलाए सिलाई का कार्य इससे पुरुषो को भी फायदा हुवा महिलाओं का आत्मविश्वास बढ़ाने लगा। आस-पास के गांव में शेरपुर गांव के साथ-साथ रोहित के परिवार का ...

संघर्ष की राह भाग 3

संघर्ष की राह भाग 3 शिक्षा का   महत्त्व :- समय बढ़ता गया राहुल ने   अपने पिताजी द्वारा लिया गया    कर्ज भी चुका दिया। और गांव आकर पिताजी के साथ मिलकर खेती का कार्य करने लगा छोटे भाई की पढ़ाई भी पूरी हो गई छोटे भाई ने एग्रीकल्चर    विषय से अपनी पढ़ाई पूरी कर ली और एग्रीकल्चर विषय की डिग्री   लेकर गाँव आ गया। पूरे गांव मे रोहित   सबसे ज्यादा पढ़ा लिखा   व्यक्ति बन गया । वह भी कृषि की पढ़ाई करके गांव में उन्नत   तरीके से खेती करने लगा। रोहित ने अपने पिताजी और भाई को नई-नई कृषि तकनीक के बारे में बताया | राममोहन को अपने बेटे के कृषि विज्ञान पर विश्वास हुवा। राममोहन ने कहा हम अपने गांव के किसानों को भी कृषि के बारे मे नई नई जानकारियां देकर अपने गांव शेरपुर को आदर्श गांव बनाएँगे । अगले दिन गांव की चौपाल पर सभी किसान भाइयों को बुलाकर राममोहन   ने अपने बेटे रोहित के बारे मे बताया की रोहीत ने आप सभी ग्रामवासियों   के आशीर्वाद से    एग्रीकल्चर की पढ़ाई पूरी करली है। इतने में गांव के मुखिया ने कहा एग्रीकल्चर क्या ...

संघर्ष की राह भाग 2

                                  संघर्ष की राह   भाग 2 राहुल की ईमानदारी :- आज राहुल बहुत खुश है । मन मे भाई की पढ़ाई के सपने एवं खेती करने के लिए पिताजी द्वारा लिया गया कर्ज में काम करके चुका दूंगा , सोचता हुवा घर आ जाता है। माँ   पिताजी कहा है ,   मेरे लिए पानी ले आओ , माँ कहती है आज तू बहुत खुश है। क्या बात है ? इतने मे पिता जी   भी खेत से आ गए। राहुल कहता है - पिताजी मुझे काम मिल गया है। कल से मैं काम पर जाऊंगा   | चार सौ रुपये रोज मिलेगें । अब हमें रोहित की पढाई एवं खाद बीज की चिंता करने की आवश्यकता नहीं है । धीरे -धिरे कर्ज भी चुका देंगें । पिताजी ने कहा बेटा भगवान अच्छा ही करता है। तेरे जैसा संस्कारवान बेटा पाकर मे धन्य हो गया।   राहुल ईमानदारी से काम करने लगा | छोटे भाई रोहित को भी शहर मे एडमिशन मिल गया। वह   अपनी पढ़ाई मन लगाकर कर रहा था। अनाज व्यापारी भी राहुल के काम से खुश था। क्योंकि उसे कृत्वर्यनिष्ठ एवं ईमानदार मेहनत करने वाला व्यक्ति ...