उज्जैन नगरी के दर्शनीय स्थल , भर्तृहरि की प्राचीन गुफा
भर्तृहरि की प्राचीन गुफा भर्तृहरि की प्राचीन गुफा देवीजी के मंदिर के निकट ही शिप्रा तट के ऊपरी माग में भर्तृहरि की गुफा है । प्रसिद्ध विद्वान् शतकत्रय के प्रणेय राजर्षि की यहसाधना स्थली है बौद्धकालीन शिल्प की यह रचना है। यहाँ नाथ सम्प्रदाय के साधुओं का स्थान है । भर्तृहरि ने बंधु विक्रम को राज्य देकर वैराग्यवश नाथ सम्प्रदाय की दीक्षा ग्रहण कर ली थी। अपनी प्रिय पत्नी महारानी पिंगला के अवसान पर उन्हें संसार से विरक्ति हो ई थी। इस गुफा में उन्होंने योगसाधना की थी । दक्षिण में गुफा के अन्दर गोपीचन्द की मूर्ति है। गुफा में प्रवेश करने का एक सँकरा मार्ग है। प्रकाश की व्यवस्था करके यहाँ प्रवेश किया जाता है । ...