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शिक्षक दिवस (Teacher's Day )

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  शिक्षक दिवस हमारे जीवन में एक शिक्षक कितना महत्त्वपूर्ण होता है इस बात को एलेक्जेंडर महान के इन शब्दों से समझा जा सकता है: मैं जीने के लिए अपने पिता का ऋणी हूँ, पर अच्छे से जीने के लिए अपने गुरु का. भारत भूमि पर अनेक विभूतियों ने अपने ज्ञान से हम सभी का मार्ग दर्शन किया है। उन्ही में से एक महान विभूति शिक्षाविद्, दार्शनिक, महानवक्ता एवं आस्थावान विचारक डॉ. सर्वपल्लवी राधाकृष्णन जी ने शिक्षा के क्षेत्र में अमूल्य योगदान दिया है। और उन्ही के जन्मदिन को हम शिक्षक दिवस के रूप में मनाते हैं। डॉ. राधाकृष्णन की मान्यता थी कि यदि सही तरीके से शिक्षा दी जाय़े तो समाज की अनेक बुराईयों को मिटाया जा सकता है ऐसे संस्कारित एवं शिष्ट माकूल जवाब से किसी को आहत किये बिना डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी ने भारतीयों को श्रेष्ठ बना दिया। डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी का मानना था कि व्यक्ति निर्माण एवं चरित्र निर्माण में शिक्षा का विशेष योगदान है। वैश्विक शान्ति, वैश्विक समृद्धि एवं वैश्विक सौहार्द में शिक्षा का महत्व अतिविशेष है। उच्चकोटी के शिक्षाविद् डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी को भारत के प्रथम राष्ट्र...

उज्जैन नगरी के दर्शनीय स्थल हरसिद्धि माता मंदिर, श्री बड़े गणेश का मंदिर

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                                बाबा महाकाल की नगरी  उज्जैन  के  के दर्शनीय  स्थल हरसिद्धि   माता मंदिर श्री बड़े गणेश का मंदिर गोपाल मंदिर  मंगलनाथ मंदिर  चोबीस खम्बा द्वार  सिद्धवट  भर्तहरी की प्राचीन  गुफा  वेधशाला  त्रिवेणी संगम  श्री चिंतामण गणेश  श्री संदीपनी आश्रम ( श्री कृष्णा की शिक्षा स्थली ) चारधाम मंदिर  गायत्री शक्तिपीठ  चित्र गुप्त धर्मराज  गेबी हनुमान मंदिर  उजड खेड़ा हनुमान मंदिर  भूखी माता मंदिर  कालभेरव मंदिर  योगामता  मंदिर                                                                              1 -   हरसिद्धि    माता मंदिर राजा विक्रमादित्य   की आराध्य कूल देवी मा हर...

बच्चो के ऊपर बोझ Burden On Children

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                                  बच्चो  के   ऊपर बोझ (रघुवीर सिंह पंवार    बात बड़ी छोटे मुह लेकिन , जब के लोग विचारों। मुझ पर लदी किताबें अब मेरा बोझ  उतारो।   झरनों को तो जंगल में झरने की आजादी। पर मुझे नहीं मस्ती में रहने की आजादी।   बिन समझे बिन बुझे ही केवल लीखते  ही रहना |   क्या घर में क्या बाहर केवल रटते ही रहना ?   खेलकूद में जी भर कर समय कभी ना पाऊं |   गुलदस्ते में कलियों सा घरमें ही मुरझाऊ |   फूलों को तो फूलों  जैसी खिलने की  आजादी   | भंवरी को भी भिनभिनाने  की है , देखो आजादी | फूल फूल के रस को है , पीने की आजादी |   पंछी को भी पंछी जैसे उड़ने की आजादी |   पर मुझ बच्चे को अब बच्चे सा ही रहने दो | मुझको तो अब अपने ही बचपन में मिलने दो | इस दुनिया में अब अपनी ही भाषा पढ़ने दो | मुझको भी तो फूलों जैसा अब तो खिलने दो |   बात बड़ी  छोटे मुंह लेकिन जब के लोग विचारों | ...

उज्जैन नगरी का रहस्य (Secret of Ujjain city

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मैं रघुवीर सिंह पवार आपके सम्मुख सम य - समय पर देश में होने वाली घटनाएं  , पर्यावरण  , जल संरक्षण बेरोजगारी  , राजनीतिक चर्चा  ,  रोचक कहानियां और ऐतिहासिक धरोहर के बारे में अपने ब्लॉग  ,  वेबसाइट एवं समाचार पत्रों सोशल मीडिया पर अपने विचार प्रस्तुत करता रहता हूँ  |  आलेख  , संस्मरण एवं कविता कहानियों को आप पढ़ते हैं   |  मेरे द्वारा रचित रचनाओं को आप    जिज्ञासा के साथ     पढ़कर मुझे आगे और लिखने के लिए प्रोत्साहित करते हैं ,  यह मेरे लिए सौभाग्य की बात है   |  पाठकों का प्यार मिल रहा है  , कई पाठकों के फोन कॉल आते हैं और कहते हैं आप मध्य प्रदेश से हैं तो आप अपने ब्लॉग पर उज्जैन जो प्राचीन स्थान है ,  उसके बारे में लिखें जिससे बाबा महाकालेश्वर की नगरी के बारे में ,  उसकी    प्राचीनता के बारे में देश ही नहीं विश्व में भी लोग इस शहर के ...