झूठ के जहां में सच्चाई का संघर्ष
झूठ के जहां में सच्चाई का संघर्ष सच्चाई का नशा : मुसीबतों का सफर सच की राह पर चलोगे तो रस्ता तन्हा पाएंगे। झूठ की दुनिया में सच्चाई की बात न करना , सच बोलोगे तो लोग तुम्हें झूठा ही बताएंगे। यहां चेहरे पर नकाब लगाए सब चलते हैं , हकीकत से दूर , सपनों के महल सजाते हैं। झूठ की रौशनी में अंधेरों को छिपा लेते हैं , सच का दीया जलाओगे तो सब डर जाएंगे। कहते हैं , सच कड़वा है , दिल को चुभता है , लोगों की मीठी बातों में वो कभी नहीं मिलता है। सच बोलकर तुम उनकी झूठी खुशियां मत छीनो , वरना लोग तुम्हें अपनी गलतियों का कर्ज़दार बना देंगे। दुनिया को चाहिए वो बातें जो मीठी लगें , चाहे वो सच हों या फिर हो सिर्फ छलावे। सच बोलकर सच्चाई का आइना न दिखाओ , वरना लोग उस आइने को झूठा कहेंगे। लेकिन सच का अपना एक अलग ही नशा है , जिन्हें समझ आए , उन्हें ही इसका पता है। सच्चाई का रास्ता कठिन ज़रूर है , पर मन की शांति का वही एक सच्चा सफर है। तो सच बोलो , चाहे लोग तुम्हें झूठा ही कहें , अपने उसूलों पर अडिग रहो , चाहे सब किनारा करें। सच की राह पर चलने वालों की दुनिया छोटी होती है ,