महिषासुर मर्दिनी स्तोत्रम् | Mahishasura Mardini Stotram in Sanskrit & Hindi | देवी दुर्गा की शक्तिशाली प्रार्थना
🔹 भूमिका (Introduction) सनातन संस्कृति में देवी शक्ति की उपासना का विशेष महत्व है। जब अधर्म अपने चरम पर पहुँचता है, तब शक्ति स्वयं प्रकट होकर उसका विनाश करती है। महिषासुर मर्दिनी स्तोत्रम् इसी दिव्य शक्ति की वंदना है, जिसमें माँ दुर्गा के उस स्वरूप का वर्णन है जिसने महिषासुर जैसे अहंकारी असुर का वध कर देवताओं और मानवता की रक्षा की। यह स्तोत्र न केवल एक धार्मिक रचना है, बल्कि साहस, आत्मबल और धर्म की विजय का प्रतीक भी है। नवरात्रि, दुर्गाष्टमी, शुक्रवार तथा विशेष साधना काल में इसका पाठ अत्यंत फलदायी माना गया है। 🔹 महिषासुर मर्दिनी स्तोत्र क्या है? महिषासुर मर्दिनी स्तोत्रम् की रचना आदि शंकराचार्य द्वारा की गई मानी जाती है। यह संस्कृत भाषा में रचित एक स्तुति है, जिसमें माँ दुर्गा के पराक्रम, सौंदर्य, करुणा और शक्ति का भावपूर्ण वर्णन मिलता है। यह स्तोत्र इस बात का संदेश देता है कि— अहंकार चाहे कितना भी शक्तिशाली क्यों न हो, अंततः सत्य और धर्म की ही विजय होती है। 🔹 Mahishasura Mardini Stotram का ऐतिहासिक महत्व पौराणिक कथाओं के अनुसार, महिषासुर नामक असुर को ब्रह्मा से...